कृषि मंत्रालय द्वारा स्वदेशी नस्ल के पशुओं के लिए जिनोमिक प्रजनन केंद्र की स्थापना

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कृषि मंत्रालय ने पशु प्रजनन केंद्र स्थापित करने में तकनीकी सहयोग के लिए ब्राजील के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया हैं। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने ब्राज़ील के भैस अनुसंधान और विकास के निदेशक- डॉ जोस रीबमर फेलिप मार्कस और ब्राज़ील के 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से मिलकर इस समझौते पर हस्ताक्षर किए है।जिसके बाद मोतिहारी में पशु प्रजनन केंद्र का शिलान्यास किया गया है।जहाँ राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत इस केंद्र की स्थापना की जाएगी जिसमे कुल 33.8 करोड रुपए की लागत से यह संस्था तैयार किया जाएगा।

 

 

इस समझौते के बाद ब्राजील से एंब्रियो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी (ETT), इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तथा सेक्स शॉर्टेड सीमेन प्रोडक्शन जैसी तकनीकों की मदद ली जाएगी। इन तकनीकों से अत्याधुनिक आईवीएफ लैब, सौ से ज्यादा उच्च गुणवत्ता वाली जेनेटिक संभावित गायों के लिए शेड, 150 गायों के लिए आधुनिक सेट एवं प्रशिक्षण केंद्र तथा जिनोमिक लैब का निर्माण किया जाएगा। जहाँ IVF से भ्रूण का उत्पादन भी होगा । इस केंद्र की स्थापना का उद्देश्य देश की स्वदेशी नस्लों को संरक्षित करने और स्वदेशी नस्लों के उत्पादन और उत्पादकता में तेजी से वृद्धि कराना है आधुनिक प्रजनन तकनीकों के द्वारा भारत की देशी नस्लों की उत्पादकता में वृद्धि हो सके एवं प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करके केंद्र द्वारा उत्पादित जर्मप्लाज्म सभी राज्यो को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके तहत 1,250 ग्रामीण भारत बहुउद्देशीय कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (MAITRI), 4 नये कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र और तरल नाइट्रोजन परिवहन और वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाएगा एंव इस प्रोजेक्ट के तहत 2,500 पशुयों को सेक्स शार्ट सीमन के साथ देशी नस्लो में गर्भाधान किया जाएगा ।